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Showing posts from November, 2021

कोरोना वायरस व ज्योतिषीय मंथन

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    हजारों वर्षों का इतिहास साक्षी है कि एक से बढ़कर एक समस्याएं आई लेकिन कोरोना वायरस जैसी इस अकल्पनीय समस्या के सामने सब बौनी दिखाई देती हैं, ज्योतिष के अनुसार सौरमंडल में स्थित नव ग्रहों का पृथ्वी और पृथ्वी के निवासियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है,  ग्रह जब भी स्थितिवशात योगों और दुर्योगों का निर्माण करते हैं, तो इस सम्पूर्ण चराचर जगत को प्रभावित करते हैं, ऐसी ही घटना फिर से दौराही जा रही है, ऐसा ही एक दुर्योग दो बार पहले भी घटित हुआ। पहला 26 दिसंबर 2019 को अमावस्या के दिन बना था इस दिन भी छः ग्रहों की युति एक साथ हुई थी, और इसका बुरा प्रभाव भारत सहित सम्पूर्ण विश्व पर कोरोना महामारी के रूप में पड़ा, और दूसरी बार यह योग 11 फरवरी 2021 अमावस्या के दिन छः ग्रहों ने मकर राशि में युति बनाई। इसका बुरा प्रभाव भारत सहित सम्पूर्ण विश्व को झेलना पड़ा।  ग्रहों का यही महासंगठन 05 दिसंबर 2021 को अमावस्या के दिन एक बार फिर से होने वाला है, जब हम अभी पूरी तरह इस महामारी से निकले भी नहीं हैं, कि फिर से वही ग्रह योग बन रहा है, इन ग्रहों का महासंयोग ब्रह्माण्ड के प्रत...

कुंडली में अपने लग्न के अनुसार जानिए कैसे बनता है विदेश यात्रा का योग

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  ज्योतिष के मतानुसार जन्मकुंडली के गहन अध्ययन से यह बताया जा सकता है कि किसी जातक की जन्मकुंडली में विदेश यात्रा का योग है या नहीं। किसी भी कुंडली के अष्टम भाव, नवम, सप्तम, बारहवां भाव विदेश यात्रा से संबंधित होते हैं जिनके आधार पर पता लगाया जा सकता है कि कब विदेश यात्रा का योग बन रहा है। जन्मकुंडली का बारहवां भाव विदेश यात्रा से संबंधित होता है और इस वजह से दुख का भाव होने के बावजूद भी इस घर को सुअवसर के रूप में देखा जाता है। विदेश यात्रा के लिए चंद्रमा को नैसर्गिक कारक माना गया है। दशम भाव से आजीविका का पता चलता है। शनि ग्रह आजीविका के नैसर्गिक कारक होते हैं। विदेश गमन के लिए कुंडली में बारहवें भाव, चंद्रमा, दशम भाव और शनि की स्थिति का आंकलन भी करना आवश्यक है। कुंडली में अष्टम भाव समुद्री यात्रा का प्रतीक होता है और सप्तम तथा नवम भाव लंबी विदेश यात्राओं या विदेशों में व्यापार, व्यवसाय एवं दीर्घ प्रवास बताते हैं। जातक यदि विदेश में अपना कोई कार्य करने की योजना बना रहा है तो इस अध्ययन के आधार पर परिणाम का आकलन किया जा सकता है। लग्न से जाने विदेश यात्रा के योग -   मे...

बृहस्पति का कुंभ राशि में गोचर, बदल जाएंगे इन छः राशियों के भविष्य

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  ज्योतिष में बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है, इसी कारण इन्हें गुरु की संज्ञा दी जाती है। इनका रंग पीला व रत्न पुखराज है। गुरू आध्यात्मिकता को विकसित करने वाला है। बृहस्पति के प्रभाव से जातक का मन धर्म एवं आध्यात्मिक कार्यों में अधिक लगता है। जातक को करियर में उन्नति, स्वास्थ्य लाभ, मजबूत आर्थिक स्थिति, विवाह एवं संतानोत्पत्ति जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं। यदि कुंडली में बृहस्पति बलवान है और अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक नहीं होने पर भी कोई कष्ट या हानि नहीं होती है। बृहस्पति तीर्थ स्थानों तथा मंदिरों, पवित्र नदियों तथा धार्मिक क्रिया कलाप से जुडे हैं। गुरु ग्रह को अध्यापकों, ज्योतिषियों, दार्शनिकों, लेखकों जैसे कई प्रकार के क्षेत्रों में कार्य करने का कारक माना जाता है। गुरु ग्रह से धन-सम्पति, पुत्र संतान, जीवन साथी, शैक्षिक गुरु, बुद्धिमता, शिक्षा, ज्योतिष तर्क, शिल्पज्ञान, समृ्द्धि, अच्छे गुण, श्रद्धा, त्याग, धर्म, विश्वास, धार्मिक कार्यो, राजसिक सम्मान आदि देखा जाता है। गुरू जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक हैं। अपने सकारात्मक रुख के क...

चंद्रग्रहण का गर्भवती महिलाओं पर विशेष असर जानें धार्मिक और ज्योतिषीय कारण

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     चंद्रग्रहण के दौरान दो बातों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। एक तो इस अवधि में पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डालना, दूसरा गर्भवती महिलांओं का। चंद्रग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा नकारात्मक इस लिए हो जाता है क्योंकि चन्द्रमा को माँ का, पोषण का, भोजन का, दूध का, पानी का कारक माना गया है। ऐसे में यदि चन्द्रमा नकारात्मक प्रभाव में है तो उसके सभी कारकतत्व को भी नकारात्मक रूप से यह ग्रहण प्रभावित करेगा।   यही वजह है कि चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतने कि सलाह दी जाती है। चंद्रग्रहण शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 को पड़ेगा, जो एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस चंद्रग्रहण का समय दोपहर 11:32 बजे से, रात्रि 17:33 बजे तक होगा। चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का विशेष ध्यान - चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी जाती है। विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं को। माना जाता है कि बाहर निकलने से बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता...