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Showing posts from February, 2022

Love Horoscope 2022: (लव राशिफल 2022)

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  लव राशिफल 2022: जीवन में वह लोग बहुत ख़ुशनसीब होते हैं जिन्हें उनका प्रेम प्राप्त होता है। भारतीय ज्योतिष पर आधारित प्रेम राशिफल 2022 के माध्यम से आप यह जान पाएंगे कि इस वर्ष आपके प्रेम जीवन में क्या-क्या खास होने वाला है। जानें इस साल आपको प्यार के मामलों में कैसे फल मिलेंगे। हमारी कुंडली में अनेक ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है जिनके द्वारा कुछ विशेष योगों का निर्माण होता है। यही ग्रह योग हमारे प्रेम जीवन पर भी अलग अलग रूपों में प्रभाव डालते हैं। लव राशिफल 2022 आपके प्रेम जीवन को लेकर की गयी ऐसी भविष्यवाणी है, जो आपको यह बताएगी कि आपकी राशि के अनुसार वर्ष 2022 आपके प्रेम सम्बन्ध पर कैसा प्रभाव डाल सकता है। इस प्रेम राशिफल में हम आपको यह भी बताएँगे कि विभिन्न राशियों में जन्मे जातकों पर ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ेगा और उस प्रभाव से आपके प्रेम जीवन के सम्बन्ध में किस प्रकार के उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। प्रेम भविष्यफल में दी गई भविष्यवाणी की मदद से आप जान पाएंगे कि किन जातकों के जीवन में इस वर्ष प्यार की बहार आएगी और किस राशि के जातक प्रेम के रिश्ते को शादी के बंधन में बांध...

दिशाशूल (Dishashul) क्या है, जानिए आपकी प्रत्येक यात्रा कैसे बने 'शुभयात्रा'

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  कभी बिजनेस के सिलसिले में तो कभी किसी रिश्तेदारों से मिलने के लिए यात्रा करनी पड़ती है तो कभी कभी सैर-सपाटे और मूड बदलने के लिए भी यात्रा करते हैं। यानी जीवन में किसी न किसी उद्देश्य से हर व्यक्ति को कभी-कभी यात्रा करनी पड़ती है। कुछ यात्राएँ सुखद और आरामदायक होती है तो कुछ ऐसी भी यात्राएँ हो जाती है जो कठिनाई और परेशानियों की वजह से दुःखद एहसास बनकर रह जाती हैं। ज्योतिषशास्त्र में यात्रा के संदर्भ में कुछ नियमों का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन किया जाए तो यात्रा सुखद और उद्देश्य में सफलता दिलाने वाली होती है। दिशाशूल व यात्रा के संदर्भ में दिन का महत्व- ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने पर दिशाशूल लगता है। दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है...

astrological reasons and remedies for delay in marriage, शादी में देरी होने के ज्योतिषी कारण और उपाय

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  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह और उनकी स्थितियों के कारण शादी में देरी आती है। कुंडली का सप्तम भाव आपके विवाह से संबंधित मुद्दों का कारक होता है। अगर आपके सप्तम भाव की स्थिति या  इसके स्वामी की स्थिति अच्छी नहीं है तो शादी में देरी हो सकती है। नीचे शादी में देरी के कुछ ज्योतिषीय कारण बताए गए हैं। शादी में देरी के ज्योतिषी कारण- ज्योतिषीय दृष्टि से जब विवाह योग बनते हैं, तब विवाह टालने से विवाह में बहुत देरी हो जाती है। जब सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु बारहवें भाव में बैठा हो तो व्यक्ति में आध्यात्मिकता अधिक होने से विवाह में देरी होती है। लग्न (प्रथम) भाव में, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं। सप्तम भाव में शनि और गुरु हो तो शादी देर होती है। चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं। सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नही हो तो विवाह में देरी होती है। कुंडली के सप्तम भाव में बुध और शुक्र दोनों हो त...

Astrological reasons for love and arranged marriage (लव और अरेंज मैरिज के ज्योतिषीय कारण)

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  आपने अक्सर यह बात सुनी होगी की जोड़ियां आसमानों में बनती हैं। ज्योतिष शास्त्र भी इस बात को सच मानता  है। एक उम्र के बाद हर कोई यह जानने का इच्छुक होता है कि उसकी लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज। ऐसे में ज्योतिष एक ऐसा जरिया है जिसकी मदद से आप जान सकते हैं कि आपका विवाह कैसे होगा, विवाह या जीवन के किसी भी पक्ष से जुड़े प्रश्न का उत्तर आप यहां पा सकते हैं। विवाह का इच्छुक कोई भी व्यक्ति सबसे पहले ज्योतिष से यह सवाल पूछता है कि उनकी शादी कब तक होगी और दूसरा प्रश्न यह होता है कि वह लव मैरिज करेंगे या अरेंज। तो आईए आज हम आपको बताते हैं कि ग्रहों की वह कौन सी स्थितियां हैं जिनके चलते व्यक्ति की लव और अरेंज मैरिज हो सकती है। कुंडली में अरेंज मैरिज के योग :- विवाह की इस व्यवस्था में माता-पिता की सहमति से विवाह होता है। वर-वधु माता-पिता की सहमति के बाद एक दूसरे से मिलते हैं, यदि वह एक दूसरे को पसंद करते हैं तो बात आगे बढ़ती है। हमारे समाज में सबसे पहले लड़की का पिता वर का चुनाव करता है। वर का चुनाव उसके स्वास्थ्य, शिक्षा, आमदनी आदि के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा वर के माता...