आपकी जन्म राशि (birth sign) और किस नक्षत्र में पैदा हुए हैं आप, नाम के पहले अक्षर से जानिए,

 


सनातन धर्म में ज्योतिष का प्राचीन समय से ही बड़ा महत्व रहा है। ज्योतिष विद्या के द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के बारे में आंकलन लगा सकता है। फिर चाहे वह भूत, वर्तमान और भविष्य की घटनाओं के बारे में हो या व्यक्ति के स्वभाव और गुण के बारे में। आपको जानकर हैरानी होगी कि नाम के हर अक्षर के पीछे एक रहस्य छुपा है जिससे स्वभाव, प्रकृति, गुण दोष आदि का पता चलता हैं। हर किसी को किसी स्त्री या पुरुष के बारे में यह जानने की इच्छा जरुर होती है कि उस स्त्री या पुरुष का स्वभाव कैसा होगा।

ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां और 27 नक्षत्र होते हैं। हर राशि में सवा 2  नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के 4 भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण कहा जाता है और हर चरण में नाम का एक अक्षर होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के जीवन पर बारह राशियों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इन्हीं बारह राशियों के आधार पर जन्म नाम का निर्धारण किया जाता है। जन्म कुण्डली में चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वह राशि चन्द्र राशि होती है। इसे जन्म राशि के नाम से भी जाना जाता है और इसे "नाम राशि" की संज्ञा भी दी जाती है। ज्योतिष के अनुसार सत्ताईस नक्षत्र माने गए हैं इन नक्षत्रों के चार चरण होते हैं। इस प्रकार जन्म के समय जिस नक्षत्र का जो चरण होता है, उसी नक्षत्र चरण अक्षर से जो नाम राशि बनती है, वह जन्म राशि कहलाती है।

जन्म राशि के आधार पर शादी-ब्याह, सभी मंगल कार्यं, ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव और वास्तविक स्थिति पर विचार किया जाता है। हिन्दू धर्म संस्कारों में नामकरण इसी राशि नाम से जुड़ा हुआ है। नाम के साथ मनुष्य का घनिष्ठ सम्बन्ध रहता है। नाम से संबंधित राशि का प्रभाव व्यक्ति पर अवश्य पड़ता है। सभी राशियों का अलग-अलग प्रभाव और स्वभाव होता है। इसी के अनुसार सभी ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। कौन-कौन से नाम अक्षर किस राशि के लिए उपयुक्त होते हैं वह इस प्रकार हैं -

राशि और नाम ( Astrological signs and Names)

मेष राशि (Aries Sign)

मेष राशि भचक्र की पहली राशि होती है। यह अग्नि तत्व राशि है, इसका स्वामी मंगल अग्नि तत्व ग्रह है, मेष राशि के जातक ओजस्वी, साहसी तथा दृढ इच्छाशक्ति वाले होते हैं। मेष राशि वाले व्यक्तियों के नाम के अक्षर की शुरूआत चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ  अक्षर से होती है।   

वृष राशि (Taurus Sign)

वृषभ राशि दूसरी राशि है, यह पृथ्वी तत्व की राशि है इसका स्वामी ग्रह शुक्र है अत: इस राशि के जातकों में सहन शक्ति अच्छी होती है तथा यह लोग व्यवहारिक होते हैं। इस प्रकार के लोग सामाजिक होते हैं और अन्य लोगों को आदर की नजर से देखते है तथा सत्कार करने में हमेशा आगे रहते हैं। इनके नाम के अक्षर की शुरुआत ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो अक्षरों से होती है।

मिथुन राशि (Gemini Sign) 

मिथुन राशि तीसरी राशि है यह द्विस्वभाव वाली राशि होती है। इस राशि के जातक में बहुमुखी प्रतिभा होती है। कार्य को जल्दी और चतुरायी से करने की क्षमता रखते हैं। संवेदनशीलता और चंचलता इनके व्यक्तित्व में समाहित है। इनके नाम के अक्षर की शुरुआत - का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह जैसे अक्षरों से होती है।

कर्क राशि (Cancer Sign)

राशि चक्र की चौथी राशि है, कर्क रशि वालों में अपने विचारों के प्रति दृढ़ रहने की शक्ति होती है। इनमें अपार कल्पना शक्ति होती है, स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है, इनके नाम के अक्षर की शुरुआत -ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो अक्षरों से होती है।

सिंह राशि (Leo Sign)

यह राशिचक्र की पांचवीं राशि है, इस राशि वाले लोग जुबान के पक्के होते हैं, शाही जीवन जीना पसंद करते हैं, मर्यादा में रहना अच्छा लगता है और निड़र होते हैं। इस राशि के नाम के अक्षर की शुरुआत-  मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे जैसे अक्षरों से होती है।

कन्या राशि (Virgo Sign)

यह भचक्र की छठी राशि है, इस राशि के जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना अधिक पसंद करते हैं। इस राशि के लोग संकोची और शर्मीले स्वभव के होते हैं। इस राशि के नाम के अक्षर की शुरूआत - ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो अक्षरों से होते हैं।

तुला राशि (Libra Sign)

यह भचक्र की सातवीं राशि है, तुला राशि के जातक आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं। जीवन की कठिन परिस्थितियों को भी सहजता से लेते है। इस राशि का जातक सुलझा हुआ होता है तथा कूटनितिज्ञता से युक्त होता है। निर्णय लेने से पूर्व खूब सोच-विचार कर लेना उचित समझते हैं। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते अक्षरों से होती है।

वृश्चिक राशि (Scorpio Sign)

यह आठवीं राशि है, इस राशि के जातकों का स्वभाव रहस्यमयी होता है। इस राशि के व्यक्ति गहरी भावनाओं से युक्त होते है। इस राशि के व्यक्ति सोच विचार कर बोलने वाले होते हैं। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत -  तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू अक्षरों से होती है।

धनु राशि (Sagittarius Sign)

यह राशिचक्र की नवीं राशि होती है, इस राशि के जातक में फुर्तीलापन देखा जा सकता है। ओज पूर्ण एवं आशावादी होते है, उत्तम वक्ता और सक्रिय रहते है। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे  अक्षरों से होती है।

मकर राशि (Capricorn Sign)

यह राशिचक्र की दसवीं राशि है, इस राशि के जातक व्यवहारिक होते हैं। मजबूत इरादों वाले तथा आगे बढने की उच्च महत्वकांक्षा से पूर्ण होते हैं। इनमें जीवन शक्ति की अधिकता होती है। परिस्थितियों से समझौता करने में कुशल होते हैं। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी अक्षरों से होती है।

कुंभ राशि (Aquarius Sign)

यह भचक्र की ग्यारहवीं राशि है, इस राशि के जातकों को स्वतन्त्र रुप से कार्य करना पसन्द होता है। इनमें अच्छे मित्र बनने का गुण विद्यमान होता है। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा  जैसे अक्षरों से होती है।

मीन राशि (Pisces Sign)

यह भचक्र की बारहवीं राशि है, इस राशि के जातक धार्मिक, भगवान से डरने वाले होते है। इनके भितर संयमी, रुढीवादी, अन्तर्मुखी एहसास देखा जा सकता है। इस राशि के नाम अक्षरों की शुरुआत - दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षरों से होती है।

Comments

Popular posts from this blog

कुंडली में अपने लग्न के अनुसार जानिए कैसे बनता है विदेश यात्रा का योग

सूर्य से संबंधित व्यापार - Sun Related Business

जानिए क्या है आपका लकी नंबर और शुभ रंग ?