जन्मकुंडली ( Janam chart) से जाने, कैसा होगा आपका Life Partner
प्रत्येक व्यक्ति अपने दाम्पत्य जीवन के सपने संजोता है। हमारे यहाँ कहावत है कि जोड़े स्वर्ग से तय होकर आते हैं और उनका मिलन पृथ्वी पर निर्धारित समय में विवाह-संस्कार से होता है अर्थात सब कुछ विधि के विधान के अनुसार तय होने के बावजूद जब बेटी की उम्र 20-22 के पार हो जाती है तो मां-बाप की चिंताएं बढ़ने लगती है। दिन-रात उन्हें यही सवाल सताने लगता है कि हमारी लाडली के हाथ पीले कब होंगे? हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी शादीशुदा जिदंगी खूबसूरत हो। लेकिन कई बार पार्टनर से स्वभाव विपरीत होने या विचारों के न मिलने से अक्सर कपल्स के बीच झगड़े होने लगते हैं। जिसकी वजह से रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चलता है। पुरुष की Kundli का सप्तम भाव और शुक्र उसकी पत्नी से सम्बन्ध रखते हैं। और वहीँ स्त्री की कुंडली में बृहस्पति और सप्तम भाव से उसके पति का विचार किया जाता है। इन्ही गृह स्थितियों के आधार पर हम पति-पत्नी के रंग-रूप, स्वभाव और करियर आदि के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं। वैदिक ज्योतिष में लग्न कुंडली का प्रथम भाव जातक का स्वयं का होता है, और इसके ठीक सामने वाला सातवां भाव जीवनसाथी का होता ...